सीजीसी झंजेड़ी द्वारा देश के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीदों के परिवारों को किया सम्मानित
पाक जंग के हीरो ब्रिगेडियर चांदपुरी ने परिवारों को दिए चैक, एक फौजी अपनी ड्यूटी वेतन के लिए न कर देश भक्ति के जज्बे से करता है: ब्रिगेडियर चांदपुरी
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एस.ए.एस. नगर (मोहाली) , 08 Feb 2017
शहीद देश और कौम का ऐसा हीरा होते हैं, जिनकी कुर्बानी की दासतां आने वाली पीढिय़ों के अंदर न सिर्फ आत्म विश्वास पैदा करती हैं बल्कि एक मिसाल पैदा कर तरक्की का सफर तैयर करती हैं। उक्त विचार ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी ने चंडीगढ़ गु्रप आफ कालेजिस के झंजेडी कालेज में शहीदों के परिवारों के लिए आयोजित एक सम्मान समागम के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर झंजेडी कालेज की मैनेजमेंट द्वारा मेजर हरमिन्द्र पाल सिंह, कैप्टन दविन्द्र पाल सिंह, सूबेदार कुलदीप सिंह, हवलदार बिक्रम सिंह और सिपाही सुखप्रीत सिंह अमर शहीदों के परिवारों को 5100 रुपए की सम्मान राशि भेंट की गई।बिग्रेडियर चांदपुरी ने 1971 में पाकि युद्ध के पल शेयर करते हुए बताया कि उस समय लोंगेवाल राजस्थान पोस्ट पर जब पाकिस्तान की फौज ने 60 टैंकों और 3000 हजार फौजियों के साथ हमला किया तो उनके साथ सिर्फ 60 जवान ही थे। इतनी कम संख्या होते हुए भी भारतीय सेनिकों ने चढ़दीकला में रहते हुए न सिर्फ लोगेंवाल की पोस्ट पर अपना कब्जा जमाए रखा बल्कि पाकि की भारी संख्या वाली फौज को भी दुबकाये रखा। इसके साथ ही ब्रिगेडियर चांदपुरी ने उस जंग के दौरान हुई छोटी छोटी घटनाओं के पल शेयर करते हुए बहादुरी से शहादत प्राप्त करने वाले सेनिकों को श्रद्धांजलि भी दी।
इस दौरान उन्होंने उपस्थित छात्रों और एनसीसी केडिट्स के साथ एक फौजी द्वारा मुश्किल हालात, बुरे मौसम और अंदर की मानसिक स्थिति से लड़ते हुए चढ़दीकला में रहते हुए सरहद की राखी करने संबंधी अहम जानकारी देते हुए कहा कि एक फौजी अपनी ड्यूटी वेतन के लिए न करते हुए देश भक्ति के जज्बे से करता है। इसके साथ ही ब्रिगेडियर चांदपुरी ने देशवासियों को हर फौजी का सम्मान करते हुए उन्हें प्यार और सनेह देने की अपील की ताकि वे उन द्वारा दी जा रही कुर्बानी पर गर्व महसूस करते हुए अपनी ड्यूटी और सम्मान से करें। इसके साथ ही उन्होंने एनसीसी केडिटस को शिक्षा पूरी होने के बाद देश की सेवा के लिए फौज में जाने के लिए भी प्रेरित किया।इस अवसर पर ब्रिगेडियर चांदपुरी ने शहीदों के परिवारों को 5100 रुपए के चैक देते हुए सीजीसी के प्रेसिडेंट रशपाल सिंह धालीवान ने कहा कि यह सम्मान समागम उन शहीदों की कुर्बानी को श्रद्धांजलि देने की एक छोटी सी कोशिश थी। जिसमें युवाओं को दश्ेा की सेवा के प्रति जागरुक करते हुए यह बताना था कि देश की सेवसा फौज में भर्ती होकर अथवा सिविल जीवन दोनों तरीकों से की जा सकती है। बस देश की सेवा का जज्बा होना जरूरी है। सीजीसी के डायरेक्टर जरनल डा जीडी बंसल ने अपने संबोधन में कहा कि शहीद देश का गौर्व हाते हैं, उनकी कुर्बानी हमें याद रखनी चाहिए। इस अवसर पर देश के शहीदों की याद मे दो मिंट का मौन भी रखा गया।