बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नरेंद्र मोदी पर प्रधानमंत्री बन जाने के बावजूद लोकसभा चुनाव की तरह उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी निचले स्तर की राजनीति व असभ्य भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनावी स्वार्थ के लिए मोदी ने राजनीति का स्तर गिरा दिया है जो प्रधानमंत्री का पद संभाल रहे व्यक्ति को शोभा नहीं देता। मायावती ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में कहा, "नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रैलियों में जिस प्रकार की सस्ती व असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के खिलाफ है।" उन्होंने कहा, "मोदी ने कुछ इसी प्रकार की गली-कूचे वाली भाषा का इस्तेमाल व उसी प्रकार का व्यवहार दिल्ली, बिहार व पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के विधानसभा चुनाव में किया था, जिसको उन प्रदेशों की जनता ने कतई पसंद नहीं किया और उन राज्यों में बीजेपी को जबर्दस्त हार का सामना करना पड़ा था।"
मायावती ने कहा, "बहुत संभव है कि यूपी की जनता भी इस विधानसभा चुनाव में उनका व उनकी पार्टी का वही शर्मनाक हाल करे, जिसकी आशंका के भय से ही मोदी व उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गलतबयानी के साथ-साथ खासकर बीएसपी के खिलाफ अनर्गल व मिथ्या आरोप लगा रहे हैं।"बसपा प्रमुख ने कहा कि मोदी अब परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर भी राजनीति करने पर उतारू हो गए हैं। इनके नाम पर केवल अपने सांकेतिक कार्यो को गिनाकर वोट की राजनीति करना चाह रहे हैं। जबकि बाबा साहेब के अनुयाइयों, खासकर दलित व पिछड़े समाज के लोगांे पर मोदी की सरकार में जुल्म-ज्यादती व अन्याय, अत्याचार की घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है।उन्होंने कहा, "मोदी ने आज अलीगढ़ व कल मेरठ में अपने भाषण में अपनी विरोधी पार्टियों को पानी पी-पी कर कोसा, लेकिन उन्हें यह पता होना चाहिए कि देश की आम जनता बीजेपी व उनकी सरकार को गरीब, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारियों के बुरे दिन लाने के लिए उन्हें उनसे ज्यादा कोस रही है।"