आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के सामने आयोग द्वारा गोवा सरकार को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने और कांग्रेस व भाजपा के नेता को इस प्रकार की ही टिप्पणी करने के लिए बख्शने के लिए विरोध दर्ज किया।भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को संबोधित एक पत्र में, केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने उनके मामले में इतनी तात्कालिकता दिखाई कि 2016 में दिल्ली की एक अदालत के आदेश को तक नजरअंदाज कर दिया गया, जिसमें अदालत ने ऐसे ही मामले में एफआईआर की मांग को खारिज कर दिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ईसी के समक्ष पंजाब-गोवा से समान मीडिया रिपोट्र्स पेश की जिसमें कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने मतदाताओं से रिश्वत का स्वीकार करने के लिए कहा है लेकिन केवल उनसे।
केजरीवाल ने चुनाव आयोग को बताया कि 29 जनवरी को, पीपीसीसी अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लंबी में एक चुनावी सभा के दौरान मतदाताओं से पैसा स्वीकार करने के लिए कहा। उन्होंने लोगों से कहा कि यदि उन्हें कोई पैसा दे तो वे स्वीकार कर लें लेकिन वोट केवल कांग्रेस को ही दें। दूसरे मामले में भाजपा नेता और केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर जो गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं ने अपनी चुनाव बैठकों में कहा था कि वह समझ सकते हैं कि कुछ दलों ने अपनी चुनाव बैठकों में आने के लिए 500 रुपये दिए होंगे। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वोट करते समय याद रखें कि लोटस (भाजपा चुनाव चिन्ह) का बटन ही दबाएं।केजरीवाल ने चुनाव आयोग से उसी तात्कालिकता और ऊर्जा के साथ कांग्रेस और भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दजऱ् करने की अपील की है जो उनके मामले में दिखाई गई थी। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि चुनाव आयोग जल्द ही इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति ले लेगा।