Tuesday, 23 April 2024

 

 

खास खबरें हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए 29 अप्रैल को की जाएगी अधिसूचना जारी-अनुराग अग्रवाल वोटर इन क्यू एप से पता चलेगी मतदान केन्द्र पर लाइन की जानकारी - अनुराग अग्रवाल जिला प्रशासन का अनूठा प्रयास- युवा मतदाताओं को यूथ इलेक्शन अंबेसडर बना कर चुनाव प्रक्रिया की दी गई विशेष ट्रेनिंग सेफ स्कूल वाहन पालिसी के अंतर्गत 8 स्कूलों की बसों की हुई चैकिंग सीजीसी लांडरां ने आईपीआर सेल की स्थापना की प्रभु श्रीराम व माता कौशल्या का मंदिर निर्माण मेरे जीवन का अहम फैसला:एन.के.शर्मा भाजपा के अच्छे दिन बना सपना, अब कांग्रेस लाएगी खुशहाली के दिन - गुरजीत औजला डिश टीवी द्वारा 'डिशटीवी स्मार्ट प्लस ' सर्विसेज' के साथ मनोरंजन इंडस्ट्री में आई क्रांति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के लिए जो किया है वो किसी ने नहीं किया होगा - अनिल विज एचपीएनएलयू, शिमला ने पृथ्वी दिवस 2024 के अवसर पर "प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और ग्रीन शेड्स का अनावरण" विषय पर इंट्रा-यूनिवर्सिटी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया भाजपा प्रत्याशी संजय टंडन पर मनीष तिवारी की टिप्पणी,भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने दिया जवाब भाजपा महामंत्री तरुण चुग से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने की शिष्टाचार भेंट पंजाब की विरासत की झलक दर्शाता आदर्श पोलिंग बूथ बना आकर्षण का केंद्र मतदाता जागरूकता के लिए घर-घर तक पहुंचेगा थीम सॉंग राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने परवाणु में जल जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण संबंधी उपायों की समीक्षा की एलपीयू के इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को इसरो समर्थित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में टॉप स्पेस इन्नोवेटरज़ के रूप में चुना भारी मतों के अंतर से जीतेंगे एन.के.शर्मा:जोनी कोहली मानव को एकत्व के सूत्र में बांधता - मानव एकता दिवस शास्त्री मार्केट में कारोबारियों से मिलने पहुंचे गुरजीत सिंह औजला 'आप' समर्थकों ने IPL मैच में किया अनोखा प्रदर्शन, अरविंद केजरीवाल की फोटो वाली टी-शर्ट पहन लगाए नारे, मैं भी केजरीवाल फरीदकोट और खडूर साहिब में 'आप' को मिली मज़बूती, अकाली दल, कांग्रेस और भाजपा को लगा बड़ा झटका!

 

डोनाल्ड ट्रंप युग में अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य

Listen to this article

5 Dariya News

23 Jan 2017

क्या डोनाल्ड ट्रंप अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य बदल पाएंगे। क्या सभी की उम्मीदों पर खरा उतर पाएंगे। इस तरह के तमाम सवाल ट्रंप की ताजपोशी के बाद से लगाए जा रहे हैं। उन्होंने अपनी जीत में भारतीयों के योगदान की सराहना की है। चुनाव प्रचार से लेकर अपनी ताजपोशी तक डोनाल्ड ट्रंप का रवैया भारतीयता में रंगा नजर आया। जिस अंदाज से नरेंद्र मोदी ने भारत की कमान संभाली, ठीक उसी तर्ज पर डोनाल्ड ट्रंप भी अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए। ट्रंप के तकरीबन भाषणों में मोदी का अक्स देखने को मिला। उन्होंने मोदी के कई चुनावी नारों का इस्तेमाल किया। मसलन अबकी बार ट्रंप सरकार, डिजिटल अमेरिका आदि। कई मुल्कों ने डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी का जमकर विरोध किया। लेकिन भारत उनकी जीत को उत्सव के रूप में मना रहा है। दरअसल ट्रंप इस्लामिक आतंक के खिलाफ है, उसे जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए उन्होंने मोदी का समर्थन मांगा था।
नरेंद्र मोदी ने हर तरह से उनको सहयोग देने का आश्वासन दिया। यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी तकरीबन सभी चुनावी सभाओं में भारत के सहयोग व विशेषतौर पर मोदी का जिक्र किया। पाकिस्तान शुरू से ही डोनाल्ड ट्रंप का विरोध कर रहा है। पाकिस्तान का मानना है कि डोनाल्ड इस्लाम समुदाय के कट्टर विरोधी हैं। पाकिस्तान इस बात से डरा है कि अब वह बेवजह मुस्लमानों को परेशान करेंगे। जबकि सच्चाई यह है डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ है न कि इस्लाम से जुड़े लोगों के। यक्ष प्रश्न अब यही उठता है कि ताजपोशी के बाद ट्रंप की नजर में भारत के प्रति रवैया कैसा रहेगा। भारत में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक ही नहीं, बल्कि धीरे-धीरे उनके उपासकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ट्रंप की राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी से लेकर, उनकी ताजपोशी व उनके जन्मदिन को हिंदू सेना के समर्थक उत्सव के रूप में मनाते आ रहे हैं। बीस जनवरी को जब वह राष्ट्रपति पद की शपद ले रहे थे तो उसकी खुशी में हिंदू सेना की ओर से कई जगहों पर भंडारे का भी आयोजन किया गया था।
सवाल उठता है कि राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप का भारत के प्रति रवैया कैसा रहेगा। भारत के लिहाज से उनका चुनाव पूरी तरह से हिंदू- मुस्लिम हो गया था। भारत भी इस्लाम का दुश्मन नहीं है, पर इसके आड़ में आतंक की जो जड़े निकल रही है, उनका विरोध करता है।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत में हिंदुओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इस बात का अहसास खुद डोनाल्ड ट्रंप को है।अमेरिका में रहे लाखों भारतीय लोगों ने ट्रंप को सिर्फ इसलिए वोट दिया है कि वह आतंक का खात्मा करेंगे। आईएस आतंक को कुचलने के लिए रूस के पुतिन, तुर्की के तैयब एर्दोगान, भारत के नरेंद्र मोदी, जापान के शिंजो आबे, ब्रिटेन की थेरेसा में और फिलीपींस के रोद्रियों दुएते ने मिलकर जो रणनीति बनाई है, उससे निश्चित रूप से आतंक की कमर टूटेगी। ट्रंप की ताजपोशी ने अंतर्राष्ट्रीय परि²श्य को बदलने सपनाई तस्वीर दिखाई है। भारत को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अभी तक के भाषणों में उग्रता दिखाई दी है। यदि वह सब कुछ वैसा ही करें, जैसा कि कहते रहे हैं तो यह तय है कि न तो अमेरिका पहले जैसा रह जाएगा और न ही दुनिया। पूरे संसार में बदलाव की बयार बहने लगेगी। अभी तब अमेरिका आतंक को खत्म करने की बात भी करता रहा है और दूसरी तरफ आतंक की नर्सरी पैदा करने वाले देशों को आर्थिक मद्द भी देता रहा है।
इस दोहरे मापदंड की मानसिकता से बाहर निकलने का समय है। राष्ट्रपति ट्रंप का अभी तक का रूख अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अपना प्रभुत्व कायम रखने के लिए तत्पर दिखाई पड़ रहा है। ट्रंप के समक्ष पूर्व के कई अनसुलझे मसलो-संबधों को सुलझाने की चुनौती रहेगी। पश्चिम एशिया के हालात अब क्या करवट लेंगे, देखने वाली बात होगी। वहीं सबसे बड़ी दिक्कत चीन की रहेगी। क्योंकि चीन अमेरिका को चुनौती देने से पीछे नहीं हटने वाला। पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के समय अमेरिका और रूस के संबंध ज्यादा मधुर नहीं रहे थे। दोनों नेताओं में कई मुद्दों पर मतभेद रहे थे। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से दोस्ती जगजाहिर है। निश्चित रूप से हालात मधुर होंगे। नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा की दोस्ती ने दोनों देशों के विकास के लिए एक नई पटकथा लिखी है। दोनों के मिलते विचारों ने नई इबारत लिखी। अब उसे आगे बढ़ाने के लिए आगे भी मुकम्मल प्रयास होने की दरकार रहेगी। नेशनल मॉल में सर्द मौसम के बीच करीब आठ लाख लोगों के समक्ष ट्रंप को प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने जब अब्राहम लिंकन की बाइबल पर हाथ रखकर पद की शपथ दिलाई जा रही थी तो पूरी दुनिया की नजर बनी हुई थी।
ताजपोशी के बाद ट्रंप का दिया पहला भाषण कई मायनों में भारत व दूसरे देशों के लिए अहम है। अमेरिका के नए मुखिया ट्रंप ने धरती से कट्टरपंथी इस्लामी आंतकवाद का सफाया करने का संकल्प लिया। साथ ही उनका पूरे संसार को यह विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार दूसरे देशों पर अपना शासन जबरन नहीं थोपेगी। अमेरिका द्वारा गुलामी का दंश झेलने वाले मुल्कों के लिए उनकी यह अपील राहत भरी होगी।उन्होंने कहा है कि हम मिलकर अमेरिका और दुनिया की कार्यप्रणाली तय करेंगे जो आने वाली कई वर्षो के लिए होगी। साथ ही कहा हम चुनौतियों का सामना करेंगे, हम कठिनाइयों का सामना करेंगे। अपने प्रचार अभियान का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की राजधानी में कुछ लोगों ने लंबे समय तक सरकार का फायदा उठाया, लेकिन लोगों को कीमत चुकानी पड़ी। वाशिंगटन समृद्ध हो गया, लेकिन लोगों ने इसकी समृद्धि को साझा नहीं किया। भारत को फिलहाल तत्काल किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए। ट्रंप के काम करने के तरीको पर नजर रखनी चाहिए। उन्हें थोड़ा समय देना होगा।


 

Tags: Donald Trump

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD