आम आदमी पार्टी के संगरूर से संसद मैंबर भगवंत मान ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रधान कैप्टन अमरिन्दर सिंह के उस वायदे को हास्यप्रद बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि एसआईटी की तरफ से मजीठिया को कालीन चिट्ठ दिए जाने की वह फिर से जांच करवाएं। उन्होंने कैप्टन अमरिन्दर सिंह से सवाल किया कि अमरिन्दर ने अपने भतीजे मजीठिया को सीबीआई जांच से पहले क्यों बचाया था।मान ने कहा, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मजीठिया को विशेष जांच टीम की ओर से कालीन चिट्ट दिए जाने की फिर से जांच करवाए जाने का वायदा किया है, यह कुछ भी नहीं है, बलिक पंजाबियों के लिए हंसी वाली बात है, जो अच्छी तरह जानते हैं यह कैप्टन अमरिन्दर सिंह ही था, जिसने हाल ही में अपने भतीजे को सीबीआई जांच से बचाया था।उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बहु-करोड़पति ड्रग रैकेट में मजीठिया की सामिल होने संबंधी सीबीआई जांच की अपनी ही पार्टी की मांग को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्म वाली बात है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब पुलिस की जांच में भरोसा जताते मजीठिया की सीबीआई जांच का विरोध किया था।
भगवंत मान ने कहा कि अब क्या हो गया, क्या अमरिन्दर सिंह को पंजाब पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं रहा, जिसने न सिर्फ मजीठिया, बल्कि उसके अन्य साथियों मनिन्दर सिंह उर्फ बिट्टू औलख, जगजीत सिंह चहल, सतनाम सत्ता और ओर तो ओर ड्रग सरगना जगदीश भोला को कालीन चिट्ट दी है।मान ने कहा कि जगदीश सिंह भोला जो कि 6 हजार करोड़ रुपए के ड्रग रैकेट का सरगना था, उसने कई महीने पहले अदालत से बाहर मीडिया को बताया थी कि मजीठिया में उक्त लोगों के साथ मिला हुआ। मान ने कहा कि मजीठिया का नाम एक बार फिर सामने आया था, जब ईडी ने अन्य दोषियों और शकियों से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि भोला के बाद ड्रग रैकेट के अन्य दोषियों मनिन्दर सिंह उर्फ बिट्टू औलख, जगजीत सिंह चहल, औलख के पिता प्रताप सिंह औलख और बिट्टू की पत्नी जगमिन्दर कौर ने ईडी के समक्ष कहा कि जिन तीन प्रवासी पंजाबियों के खिलाफ एजेंसी ने केस दर्ज किया हुआ है, मजीठिया उनके संपर्क में था।मजीठिया के भरोसेयोगों में सतप्रीत सिंह उर्फ सत्ता, अमरिन्दर सिंह लाडी और परमिन्दर सिंह पिन्दी शामिल थे, और यह सभी कैनेडा के ऐडमंटन के साथ सबंधित थे।