मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर बीच से टूट गई है। इससे 'घटिया निर्माण' की पोल खुल गई है। वहीं प्रशासन का कहना है कि कुछ अज्ञात लोगों ने नहर से छेड़छाड़ की है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से गुरुवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया है, "बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात इंदिरा सागर परियोजना की धोबड़िया तालाब के ऊपरी हिस्से पर बनी नहर का हिस्सा टूट गया। निर्माण कार्य घटिया था, जिसके चलते नहर टूटी है।" आंदोलन की विज्ञप्ति के मुताबिक, नर्मदा बचाओ आंदोलन वर्ष 2009 से उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष निर्माण को लेकर सवाल उठाता आया है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण एवं ठेकेदारों की सांठगांठ के चलते नहरों के निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है, जो गुरुवार को इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर के टूटने से सामने आया है।
यह नहर धोबड़िया तालाब के ऊपर बड़गांव में टूटी है। अगर नहर के नीचे की तरफ तालाब नहीं होता तो बड़वानी शहर में बड़ी दुर्घटना हो जाती। विज्ञप्ति के मुताबिक, नहरों के निर्माण कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण के कारण टूटी नहरों से हुए नुकसान की जांच के लिए सर्वोच्च अदालत दिल्ली के आदेश पर दो अगस्त, 2011 को गठित केंद्रीय पर्यावरणीय जांच दल के अध्यक्ष बी़ पी.दास एवं उनके सदस्य साथियों के द्वारा आठ बार भ्रमण कर अपनी रिपोर्ट में नहरों के सुधार के लिए कई निर्देश दिए, पर उन निर्देशों का पालन नहीं किया गया। बताया गया है कि वर्ष 2013 में राजपुर तहसील के कई गांवों में नहर टूटने से फसलों की बड़ी तबाही हुई थी और इस पर उच्च न्यायालय जबलपुर ने नुकसान की भरपाई और नहरों के घटिया निर्माण कार्य पर निगरानी के भी सख्त आदेश दिए।
प्रभावित किसानों को नुकसान की भरपाई आज तक नहीं की गई।यह नहर का हिस्सा तब टूटा है, जब शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बड़वानी जिले के दौरे पर आने वाले हैं। नहर टूटने की घटना के बाद प्रशासन भी सख्त हो गया है। बड़वानी के जिलाधिकारी तेजस्वी नायक ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि नहर का जो हिस्सा टूटा है, कमजोर होने के कारण उसकी मरम्मत का कार्य किया जा रहा था, मगर नहर का हिस्सा अज्ञात लोगों की छेड़छाड़ के चलते क्षतिग्रस्त हुआ है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।