खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के साल 2017 के कैलेंडर और डायरी पर महात्मा गांधी की तस्वीर की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगाने को मार्केटिंग का तरीका बताते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि यह 'ब्रांड मोदी' के प्रचार के सभी तरह के प्रयासों का हिस्सा है। यहां आयोजित कोलकाता एपीजे साहित्यिक महोत्सव के इतर थरूर ने कहा, "मेरा मानना है कि मोदी सरकार ने प्रत्येक चीज को मार्केटिंग में तब्दील करने की कोशिश की है। यह ब्रांड मोदी को प्रचारित करने के लिए है और इसके लिए इस ब्रांड को हर उस हर जगह चस्पा किया जा रहा है, जो सरकार के नियंत्रण में है। इस तरह न केवल लोकप्रिय मान्यता को नजरंदाज किया जा रहा है, बल्कि एक ऐतिहासिक हकीकत को भी।"
उन्होंने कहा कि यह कदम अनुचित है और सरकार की खराब छवि पेश करती है।पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हस्त करघा और खादी के साथ गांधी जी के संबंध काफी जैविक हैं और उनके चर्खा के साथ उनकी तस्वीर काफी मौलिक है, जो लोगों की चेतना में अंतर्निहित है। आप इस छवि को इतनी आसानी से बदल नहीं सकते हैं। इसे हल्के ढंग से रखना सही नहीं है।"उन्होंने आगे कहा, "हमें इसे ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए।"खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर और डायरी पर कमर भर कपड़े पहने चर्खा पर खादी के सूत कात रहे गांधी जी के प्रतीकात्मक चित्र की जगह चर्खा कात रहे मोदी की तस्वीर के मुद्रण को लेकर राजनीतिक रोष का तूफान पैदा हो गया है।