बादल सरकार की ओर से पंजाब के किसानों को बार-बार यह कहना की बादल सरकार किसान हितैषी है, यह बिल्कुल झूठ है, क्योंकि शिरोमणि अकाली दल (बादल) पार्टी के उप मुख्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल के खुद के जिले में ऐसे आत्म हत्या कर चुके किसानों के परिवार हैं जिनको सालों से किसी भी तरह का कोई मुआवाजा नहीं मिला है और मुआवजे के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं। यह जानकारी आम आदमी पार्टी के आरटीआई विंग के को-कनवीनर की तरफ से आरटीआई के अंतर्गत आत्म हत्या कर चुके किसानों के मुआवजे सम्बन्धित मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ है। आरटीआई विंग के को-कनवीनर एडवोकेट दिनेश चढ्डा ने प्रैस ब्यान जारी करते कहा कि पंजाब की अकाली -भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण पंजाब के किसान आत्म हत्या करने के लिए मजबूर हो गए हैं, परंतु अफसोस इस बात का है कि अकाली नेताओं ने आत्म हत्या कर चुके प्रभावित किसानों के परविरों के साथ भद्दा मजाक किया है क्योंकि अकाली-भाजपा सरकार के नेताओं की तरफ से आत्म हत्या कर चूके किसान के घर दुख में शामिल हो अखबारों की सुरक्षा इके करने के लिए पीडित परिवार के साथ बड़े-बड़े वायदे किए जाते हैं और मुआवजे की रकम कुछ ही दिनों में देने का दावा करते हैं परंतु यह दावे सिर्फ अखबारों तक ही सीमित रह जाते हैं और पीडि़त किसानों के परिवारों को इस मुआवाजे के लिए सालों तक इंतजार करना पड़ता है, जिसके मिलने की उम्मीद बहुत ही कम होती है।
इस सम्बन्धित आरटीआई के अंतर्गत हासिल की जानकारी का हवाला देते आम आदमी पार्टी के आरटीआई विंग के को-कनवीनर एडवोकेट दिनेश चढ्डा ने बताया कि ओर तो ओर जिला फिजिल्का जिस में शिरोमणी अकाली दल के प्रधान और उप मुख्य मंत्री सुखबीर बादल का अपना विधान सभा हलका जलालाबाद आता है, वहां भी आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजे की राशि के लिए सालों तक इंतजार करना पड़ा। चढ्डा ने बताया कि इस जिले के किसान चेत राम निवासी गांव रूपनगर की मौत 27 जून 2015 को, ठाकर सिंह निवासी गांव मूल्यावाली की 29 सितम्बर 2015 को, अमरजीत सिंह निवासी गांव मूल्यावाली की मौत 8 अक्तूबर 2015 को और शिन्दरपाल सिंह निवासी गांव खुड़ोज की मौत 10 जून 2012 को हुई थी, परंतु तारीख 21 नवंबर 2016 को डिप्टी कमिशनर फाजिल्का से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन चारों किसान परिवारों की मुआवजा राशि सम्बन्धित केस दफ्तर की तरफ से सरकार को भेजे होने के बावजूद सरकार की तरफ से मुआवजा राशि पीडि़त परिवार को प्राप्त नहीं हुई। सिर्फ 1 किसान निरवैर सिंह गांव पाकां जिसकी मौत 21 दिसंबर 2015 को हुई थी के परिवार को मुआवाजा राशि सरकार की तरफ से निरवैर के परिवारिक सदस्यों को दी जा चुकी है। अंत दिनेश चड्ढा ने कहा कि जब सुखबीर बादल के अपने हलके वाले जिला फाजिल्का में किसान परिवारों की यह हालत है तो बाकी स्थानों का क्या हाल होगा यहां से अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर पंजाब के किसी भी किसान को आत्महत्या नहीं करनी पड़ेगी और किसानी को फिर से खुशहाली की ओर लेकर जाया जाएगा।