पोप फ्रांसिस ने सोमवार को अपने एक भाषण में नए साल में शांति का मार्ग अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने दुनिया भर के धार्मिक नेताओं से ईश्वर के नाम पर हत्याओं को खारिज करने का आह्वान किया। एफे न्यूज की खबर के मुताबिक, ईसाई धर्मगुरु ने रोम में कैथलिक चर्च के अधिकार क्षेत्र में आने वाले राजनयिक दूतों को वार्षिक संबोधन में यह बातें कहीं।पोप ने कहा कि हम लोग मानव की हत्या करने वाले पागलपन से निपट रहे हैं जो वर्चस्व और सत्ता पक्की करने के प्रयास में हुई मौत के प्रचार के लिए ईश्वर के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "मैं सभी धार्मिक प्राधिकारियों से अपील करता हूं कि स्पष्ट रूप इसकी पुष्टि करने में शामिल हों कि कोई कभी भी ईश्वर के नाम पर हत्या नहीं कर सकता।" ईसाई धर्म के सबसे बड़े गुरु ने कहा कि धर्म का इस्तेमाल अब भी लोगों को दरकिनार करने और हिंसा के लिए किया जा रहा है। पोप फ्रांसिस ने उदाहरण के रूप में चार महादेशों में फैले उन देशों की सूची पेश की जिन्होंने वर्ष 2016 में धार्मिक रूप से प्रेरित हमलों की पीड़ा झेली। इसके बाद पोप ने आव्रजन नीति के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अधिक से अधिक शरणार्थियों का स्वागत करने के लिए अपने देश की क्षमता का सावधानी के साथ विश्लेषण करने की अपील की।