पंजाब कांग्रेस उपाध्यक्ष मनप्रीत बादल ने कहा है कि पार्टी मैनिफैस्टो में घोषित विभिन्न कल्याण स्कीमों को लागू करने हेतु आवश्यक फंड जुटाने की दिशा में बादल-सरंक्षण प्राप्त माफिया का अंत खुद राजस्व को कई गुणा बढ़ाएगा।इस क्रम में राज्य की राजधानी में पार्टी मैनिफैस्टो रिलीज करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए, मनप्रीत ने कहा कि मैनिफैस्टो में किए गए वायदों को लागू करने हेतु 10,000 करोड़ रुपए के फंडों की जरूरत होगी, जिसे राजस्व में बढ़ोतरी व खर्च में कमी करते हुए, दोनों के मध्य संतुलन बिठाकर हासिल किया सकता है। पंजाब कांग्रेस की मैनिफैस्टो कमेटी के को-चेयरमैन व मैनिफैस्टो ड्राफ्ट कमेटी के चेयरमैन मनप्रीत ने कहा कि राज्य के वित्तों को सही पटरी पर डालते हुए व इसे मौजूदा वित्तीय घोटालों से बाहर निकालते हुए, बादलों की शह में चल रहे कई तरह के माफियाओं का अंत करना, खुद-ब-खुद राजस्व बढ़ोतरी में भारी वृद्धि करेगा।मनप्रीत ने कहा कि कांग्रेस सरकार, सरकारी खर्च को घटाएगी व अलग-अलग माफियाओं का अंत करके राजस्व में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगी, जिन्होंने सरकारी फंडों को अपनी व्यक्तिगत जेबों में डाला हुआ है।
एक सवाल के जवाब में मनप्रीत ने इस सुझाव से इंकार किया कि यह एक लोकलुभावन मैनिफैस्टो है, उन्होंने कहा कि यह समाज के प्रत्येक वर्ग को राहत देने के उद्देश्य से एक उचित मैनिफैस्टो है, जो बीते एक दशक से अकाली कुशासन से पिस रहे हैं।मनप्रीत ने इस बात से भी इंकार किया कि अकाली सरकार में वित्त मंत्री रहने के दौरान उन्होंने अपने पक्ष से यू-टर्न ले लिया था। मीडिया को किसानों को मुफ्त बिजली देने की बात छोड़कर, ऐसा एक भी मुद्दा सामने रखने की चुनौती दी, जिस पर उन्होंने अपना पक्ष बदला हो। मुफ्त बिजली राज्य में कृषि संकट के मद्देनजर समय की मुख्य जरूरत थी।जबकि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के मुद्दे पर, मनप्रीत ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस मुद्दे को केन्द्र के पास मजबूती से रखेगी और यदि केन्द्र आयोग की सिफारिशों को लागू करने में असफल रहता है, तो केन्द्र की अगली कांग्रेस सरकार ऐसा करने का दायित्व लेगी।