पंजाब कांगे्रस ने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के खिलाफ कोरा झूठ बोलकर और सभी झूठे वायदे करके सरेआम चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए, बेशर्मीपूर्वक लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे आम आदमी पार्टी नेता कंवर संधु की निंदा की है।यहां तक कि उन्होंने संधु द्वारा राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार की निंदा करने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आप नेता संजय सिंह द्वारा कैप्टन अमरेन्द्र को भगवंत मान के खिलाफ जलालाबाद से लडऩे की चुनौती को भी खारिज किया है और कहा है कि उनके लिए चुनाव एक गंभीर सच्चाई है और मान जैसे कॉमेडियनों को गंभीर नहीं लिया जा सकता। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि कैप्टन अमरेन्द्र पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह आप के राष्ट्रीय कनवीनर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उसी सीट से लडऩे को तैयार हैं, जहां से केजरीवाल लडऩा चाहें। जिस पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं राणा गुरजीत सिंह, केवल सिंह ढिल्लों व अमरीक सिंह ढिल्लों ने कहा है कि यदि केजरीवाल में हिम्मत है, तो उन्हें कैप्टन अमरेन्द्र की चुनौती स्वीकार करनी चाहिए और मान की कोई पहचान नहीं है।
यहां जारी बयान में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने संधु को एक धोखेबाज व ढोंगी करार दिया है, जो वोटरों को भ्रमित करने की कोशिश में कैप्टन अमरेन्द्र के खिलाफ निराधार व पूरी तरह से झूठे आरोप लगा रहा है और उन स्कीमों का ऐलान करके चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है, जिन्हें लागू करने की उसकी कोई मंशा नहीं है।जिस पर कांग्रेसी नेताओं ने चुनाव आयोग से आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर संधु पर सख्त कार्रवाई करने की अपील की है। गौरतलब है कि समराला से कांग्रेस उम्मीदवार अमरीक सिंह ढिल्लों पहले ही गरीबों के लिए कल्याण स्कीमों का ऐलान करने को लेकर आप के खिलाफ शिकायत दे चुके हैं।प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि संधु को एक झूठे व अवसरवादी के रूप में जाना जाता है, जिसने अकालियों से अनेक फायदे लेने के बाद अपनी वफादारी को आप के हवाले कर दिया था। उन्होंने खुलासा किया कि संधु ने एस.जी.पी.सी चलित मैडिकल कॉलेज में एक एन.आर.आई कोटे की सीट पर अपने बेटे को दाखिला दिलाया था और इसे लेकर कई बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद उसने अपने बेटे की पढ़ाई की फीस नहीं जमा करवाई थी।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि संधु को मीडिया द्वारा गोलक चोर का नाम दिया गया था। खबरों के मुताबिक संधु ने अपनी बेटी की मौत पर विवादों से घिरीं तत्कालीन एस.जी.पी.सी प्रधान बीबी जगीर कौर से फायदे मांगे थे। उन्होंने खुलासा किया कि संधु के बेटे की अकाली शासन में सरकारी अस्पताल में बतौर डाक्टर नियुक्ति हुई थी। सिर्फ इतना ही नहीं, संधु ने गैर कानूनी तरीके से मैडीसिटी चंडीगढ़ में एक प्लाट अलॉट करवाया था। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र ने हमेशा से गरीबों व दलितों के विकास के लिए काम किया है, जबकि इसके विपरीत अरविंद केजरीवाल सहित आप नेताओं का दलित विरोधी चेहरा आप के अपने वर्करों व नेताओं ने सामने ला दिया है। केजरीवाल की दिल्ली में अपनी कैबिनेट में एक भी दलित या सिख चेहरा नहीं है, जहां उनकी पार्टी सत्ता में है। प्रदेश कांग्रेस ने जोर देते हुए कहा कि आप प्रमुख के झूठे वायदे उन भ्रष्टाचार व सैक्स स्कैंडलों से लोगों का ध्यान नहीं भटका सकते, जिनमें उनकी पार्टी के नेताओं को शामिल पाया गया है।प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने संधु द्वारा 2002-2007 में कांग्रेस सरकार को लेकर फैलाए जा रहे झूठों की निंदा की है।
उन्होंने कहा कि संधु के झूठों के विपरीत कैप्टन अमरेन्द्र की सरकार ने न सिर्फ बड़े स्तर पर रोजगार मुहैया करवाए थे, बल्कि दलितों व अन्य पिछड़े व समाज के गरीब वर्गों के लिए कई स्कीमों को शुरू किया था।प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार में हजारों अध्यापकों, डाक्टरों व नर्सों को नौकरी देने सहित 20 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की गई थीं व 49000 से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरियां दी गई थीं। इसी तरह, राज्य की इंप्लायमेंट एक्सचेजों में दर्ज करवाने वालों को 390 लाख रुपए का बेरोजगारी भत्ता दिया गया था।कांग्रेसी नेताओं ने संधु से सार्वजनिक बयान देने से पहले अपना होमवर्क करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र ने अनुसूचित जातियों व समाज के अन्य पिछड़े वर्गों के विकास व कल्याण के लिए 500 करोड़ रुपए का सोशल सिक्योरिटी फंड स्थापित किया था।इसके अलावा, 1,10,324 लाभपात्रों (वृद्धों, विधवाओं, अनाथों व अंगहीनों के लिए) को रेगुलर व समय पर पैंशन/वित्तीय सहायता प्रदान करना सुनिश्चित करने के लिए 500 करोड़ रुपए का सोशल सिक्योरिटी फंड भी स्थापित किया गया था। इसी तरह, मूकबाधिरों को भी मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की थी।कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि ये तथ्य ऑन रिकॉर्ड हैं, लेकिन संधु व उनसे पूर्व के नेता किसी भी तरह से पंजाब की सत्ता हासिल करने के लिए जानबूझ इन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं।