आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में हुए 10,000 करोड़ रुपए के चिट्ट फंड घोटाले में उप -मुख्य मंत्री सुखबीर बादल की भूमिका की जांच की मांग करते आज इस मामले में पंजाब के राज्यपाल को दखल देने की अपील की है। पार्टी ने यह मांग भी की है कि इस घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) से करवाई जानी चाहिए।यहां जारी एक ब्यान में आम आदमी पार्टी के सूबा कनवीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच ने कहा है कि पंजाब में यह चिट्ट फंड घोटाला पिछले छह सालों से चल रहा था और दोषियों को पूरी तरह पुलिस और राजनैतिक सुरक्षा मिली हुई थी। ऐसा बड़ा घोटाला उच्च-आधिकारियों की मिलीभुगत के बिना संभव ही नहीं हो सकता था। उन्होंने सुखबीर बादल पर दोषियों को बचाने और अपनी ग्रह मंत्री की हैसियत का दुरुपयोग कर इस मामले की जांच रुकवाने के दोष भी लगाऐ।
उन्होंने कहा कि ढाई लाख के लगभग भोले-भाले निवेशकों को जिन चिट्ट-फंड कंपनियों ने ठग्गा है, वह शिरोमणी अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी के राज दौरान ही प्रफूलित हुई थी और सुखबीर बादल ने मीडिया की ऐसी रिपोर्टों की तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दिया।वड़ैच ने कहा कि छह चिट्ट-फंड कंपनियों विरुद्ध एफ.आई.आर. भी केवल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के हुक्मों के बाद ही दायर की गई थी परन्तु अभी तक किसी भी दोषी को ग्रिफतार नहीं किया गया है। वित्त मंत्री परमिन्दर सिंह ढींडसा ने 24 दिसंबर, 2016 को इस बहु-करोड़पति घोटाले की जांच के हुक्म जारी किए थे परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने कहा कि अब तो निवेशकों ने भी अपने खून-पसीने और सख्त मेहनत की कमाई की वापसी की आशा भी छोड़ दी है। गांव छाजली के एक किसान हरप्रीत सिंह खालसा ने तो खुदकुशी तक कर ली क्योंकि उनके 9.8 करोड़ रुपए एक चिट्ट फंड कंपनी में कहीं खुर्द -बुर्द हो गए थे। ओर बहुत से लोग भी खुदकुशी कर चुके हैं।
आम आदमी पार्टी के कनवीनर ने सुखबीर बादल से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि उन्होंने ही चिट्ट फंड कंपनियों को पंजाब में अपना काम शुरू करने की इजाजत दी थी। उन्होंने यह भी सवाल किया कि उन्होंने अभी तक दोषियों की गिरफ्तारी के हुक्म क्यों नहीं जारी किए। उन्होंने कहा कि पहला चिट्ट फंड घोटाला जुलाई 2015 में सामने आया था भले ही ठग्गी के शिकार हुए निर्दोष लोगों के बारे में खबरें तो साल 2010 से ही लगातार आ रही हैं। परन्तु दोषी अभी भी शरेआम खुले घूम रहे हैं और दोषियों को अपनी, सम्पतियों को इधर -उधर कर देने और सभी रिकार्ड नष्ट करने का समय दिया जा रहा है। चिट्ट फंड कंपनियों के प्रोमोटरज ने भोले -भाले निवेशकों के धन के साथ ही अनेकों होटल, मॉल्स जैसी अरबों खरबों की संपत्तियां बना ली हैं।वड़ैच ने कहा कि पीडितों ने ‘क्राउन चिट्ट फंड कंपनी संघर्ष समिति ’ भी कायम की थी और पुलिस अब उनके ब्यान जारी करने के लिए समय ले रही है। उन्होंने कहा कि इस समय स्थिति हालात इस कदर नाजुक हो चुके हैं यदि इंसाफ में और देरी हुई तो पीडि़त निवेशक भी किसानों की तरह आत्महत्या जैसे गलत रास्ते पर जा सकते हैं।