उत्तर प्रदेश विधानसभा में हंगामे के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को 1,683 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन सत्तापक्ष तथा विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक का गवाह बना। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नोटबंदी व अन्य मुद्दे को उठाया गया। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ विधायक तथा अन्य निर्दलीय विधायक अध्यक्ष की आसंदी के निकट एकत्रित हो गए और एक दूसरे से ऊंची आवाज में नारेबाजी शुरू कर दी।भाजपा सदस्य जहां संसदीय मामलों के मंत्री आजम खान का इस्तीफा मांग रहे थे, वहीं बसपा कानून व व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार से नाराजगी जता रही थी।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 12.20 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, विपक्षी सदस्य एक बार फिर अध्यक्ष की आसंदी के निकट जमा हो गए।इस नोकझोंक के दौरान ही वित्त मंत्रालय का प्रभार भी अपने पास रखने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वित्त वर्ष की बाकी बची अवधि के लिए 1,683 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। अप्रैल-अगस्त, 2017 की अवधि के लिए 1.34 लाख करोड़ रुपये का एक लेखानुदान भी पेश किया गया, जिस दौरान उत्तर प्रदेश नई सरकार चुनेगा।इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।