केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से आम लोगों को हो रही परेशानी के विरोध में आहूत बंद का केरल में व्यापक असर दिख रहा है। राज्य में बंद का आह्वान सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने किया है। यहां बंद पूरी तरह सफल प्रतीत हो रहा है। सड़कों पर केवल निजी वाहन चल रहे हैं, जबकि दफ्तरों में उपस्थिति नगण्य रही। केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के विरोध में केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने सुबह से शाम तक बंद का आह्वान किया है, जबकि अन्य विपक्षी दलों ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का निर्णय लिया।उच्च मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित करने के केंद्र सरकार के निर्णय की निंदा करने के लिए बंद का आह्वान किया गया था, जिससे सहकारी बैंकों की स्थिति खराब हो गई है।हालांकि बंद राज्यव्यापी था, लेकिन आयोजकों ने पर्यटन गतिविधियों और बैंकिंग प्रतिष्ठानों को इसके दायरे से बाहर रखा।
उन्होंने प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को बंद से छूट दी। हालांकि बैंकों में उपस्थिति बहुत कम थी, क्योंकि वाहनों के आवागमन प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'अविवेकपूर्ण' व्यवहार के विरोध में भी बंद का आह्वान किया है, जिन्होंने राज्य के उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया था, जो सहकारी क्षेत्र की स्थिति से उन्हें अवगत कराना चाहता था। हालांकि कांग्रेस नीत विपक्ष ने बंद को लेकर आपत्ति जताई। कांग्रेस ने कहा कि नोटबंदी के बाद विगत 20 दिनों में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पार्टी ने बंद में शामिल होने की बजाय केरल राजभवन के सामने धरना देने का निर्णय किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अधिकारियों ने पुलिस सुरक्षा में काम किया। इसी तरह यहां और कोच्चि के टेक्नोपार्क में आईटी कर्मियों ने भी पुलिस सुरक्षा में काम किया।