केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि वह गुरुवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि राज्य में सहाकारी बैंकों को मौजूदा नोटबंदी अभियान में शामिल होने की अनुमति देने के लिए हस्तक्षेप करें। विजयन ने केरल के सांसदों के साथ एक बैठक के बाद नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "बंद नोटों को लेने से सहकारी बैंकों को दूर रखने के केंद्र सरकार के निर्णय के कारण लगभग एक लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले इन बैंकों में कारोबार ठप हो गया है।"विजयन ने मोदी से मुलाकात का निर्णय ऐसे समय में लिया है, जब राज्य के हजारों सहकारी बैंकों और सोसाइटियों ने मौजूदा नोटबंदी अभियान में अपने साथ किए गए सलूक के विरोध में बुधवार को अपने शटर बंद रखे।
इन सोसाइटियों के कर्मचारियों ने पूरे राज्य में विरोध मार्च निकाला, जबकि कांग्रेस नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ गुरुवार को काला दिवस मनाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक वी.डी. सतीशन ने बुधवार को राज्य की राजधानी में संवाददाताओं कहा, "सहकारी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित सिद्धांतों का पालन करते हैं, लेकिन मौजूदा मुहिम में उन्हें हिस्सा लेने की अनुमति नहीं है। इसके कारण इन बैंकों को निश्चित रूप से भारी परेशानी हो रही है, क्योंकि इन बैंकों में आम आदमी की लगभग 1,70,000 लाख करोड़ रुपये की गाढ़ी कमाई जमा है।"सतीशन ने कहा, "परिणाम यह होगा कि इन बैंकों से लोग सामूहिक रूप से निकासी करेंगे, क्योंकि लोगों को इन बैंकों के प्रति केंद्र सरकार के रवैए के बारे में पता चल गया। इससे केरल में सहकारी बैंकिंग सेक्टर का अंत हो सकता है।"नोटबंदी के निर्णय के बाद सातवें दिन भी सामान्य बैंकिंग कारोबार प्रभावित रहा, और लोग बैंकों व एटीएम के सामने कतारबद्ध खड़े रहे।