शैमराक सीनियर सैकंडरी स्कूल, सेक्टर 69 द्वारा छात्रों को दिन ब दिन लुप्त हो रहे जंगली जानवरों की आबादी व इसके गंभीर परिणामों से अवगत करवाने के उद्देश्य से कैंपस में जागरुकता सप्ताह मनाया गया। इस दौरान छात्रों को जानवरों द्वारा कुदरत के संतुलन के योगदान, उनके लाभ व गुणों बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। जबकि इस प्रोग्राम को जंगली जानवरों व मानवीय आबादी का हिस्सा बन चुके जानवरों व पंछियों को दो श्रेणियों में वितरित किया गया। अध्यापकों द्वारा प्रेजेंटेशन पेश करके छात्रों को बताया गया कि किस तरह जानवर व पंछी कुदरत के संतुलन, फसलों व अन्य कई स्तर के मानवीय दोस्त पंछी, कीड़े व जानवरों बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इसके साथ ही छात्रों को विश्व स्तर पर खत्म हो चुके व खत्म हो रहे जानवरों बारे भी अहम जानकारी देते हुए इस के कारणों पर प्रकाश डाला। छात्र यह जान कर बेहद हैरान हुए कि धरती पर राज करने वाले डायना सौर जैसे विशाल जीवन किसी पुलाड़ उलका के कारण हमेशा के लिए खत्म हो गए थे।
इसके साथ ही छात्रों को चिडिय़ाघर की सैर करवाते हए जंगली जानवरों संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इस जागरुकता सप्ताह के अंतिम दिन छात्रों के मध्य उक्त विषयों संबंधी भाषण व पेंटिंग मुकाबले करवाए गए।स्कूल के डायरेक्टर एजुकेशन एस के शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस जागरुकता सप्तह का उद्देश्य आस पास के जानवरों संबंधी जानकारी देते हुए लुप्त हो रहे जानवरों संबंधी जानकारी देना था। उन्होंने आगे कहा कि अगर बच्चे छोटी उम्र में ही जीवों व पंछियों से प्यार करने व उनकी संभाल के लिए जागरुक किया जाए तो यह भविष्य में आगे जाकर जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपना फर्ज निभाएंगे। इसके अलावा छात्रों के भीतर छिपी रचनात्मक कलाओं को भी जानने व उजागर करने का यह सही प्लेटफार्म साबत होता है। डायरेक्टर शर्मा ने छात्रों के साथ विचार विमर्श करते हुए कहा कि अगर समय रहते हम जागरुक न हुए तो कई कीमती नसलें खत्म हो जाएंगी। जबकि एक सर्वे के मुताबिक गत 46 वर्षों में जंगली जानवरों की आबादी में 67 प्रतिशत कम हुई है। इस अवसर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित भी किया गया।