उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत ने भारतीय सेना द्वारा 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में शुक्रवार को संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति को अवगत कराया। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी। समिति के एक सदस्य ने बताया कि सेना के उप प्रमुख ने लगभग आधे घंटे तक सेना के सर्जिकल स्टाइक से जुड़ी जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि जो भी सूचनाएं दी गईं, वे पहले से ही लोग जान रहे हैं।सूत्र के अनुसार, सेना के उप प्रमुख से इस दौरान किसी ने कोई सवाल नहीं पूछा।सेना की यह 'ब्रीफिंग' कांग्रेस द्वारा गुरुवार रात की गई उस शिकायत के बाद आई है, जिसमें उसने कहा था कि बैठक का एजेंडा ऐन वक्त पर बदल दिया गया और सर्जिकल स्ट्राइक पर ब्रीफिंग रद्द कर दी गई।सूत्र ने कहा कि बैठक की शुरुआत में कांग्रेस सदस्यों ने यह मुद्दा भी उठाया, लेकिन समिति के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चंद्र खंडूरी ने कहा कि जानकारी सही ढंग से नहीं पहुंच पाने के कारण ऐसा हुआ है।
जब सदस्यों ने कहा कि उन्होंने इस बारे में उन्हें पत्र लिखा था, तो अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें वह पत्र नहीं मिला और लगता है कि उन तक पहुंचने के पहले वह पत्र मीडिया के हाथ लग गया।उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकवादी हमले के बाद सेना ने 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लॉन्च पैडों और सात आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को ध्वस्त किया, जिसे सर्जिकल स्ट्राइक नाम दिया गया। सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर संसदीय समिति की शुक्रवार की ब्रीफिंग पहले से तय थी। लोकसभा की वेबसाइट पर जारी एजेंडे में हालांकि समिति के ई-डाक मतपत्र प्रणाली के बारे में चर्चा की बात कही गई थी।इस कदम का कांग्रेस व उसके दो सांसदों -अंबिका सोनी तथा मधुसूदन मिस्त्री ने विरोध करते हुए कहा था कि ऐन वक्त पर एजेंडे में बदलाव 'हरगिज स्वीकार करने लायक नहीं' है।