पाकिस्तान के मशहूर सूफी बैंड 'जुनून' से संबद्ध सलमान अहमद का कहना है कि कलाकारों, लेखकों, अभिनेताओं-अभिनेत्रियों और कवियों पर रोक लगाने से आतंकवादियों और चरमपंथियों का ही मकसद पूरा होता है, यह उनके लिए जीत के समान होता है, क्योंकि वे नहीं चाहते कि लोग एक-दूसरे के संपर्क में आएं। उड़ी में सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने पाकिस्तानी कलाकारों को 48 घंटे में भारत छोड़कर जाने का 'अल्टीमेटम' दिया था। पार्टी ने धमकी दी कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें 'नतीजे' भुगतने होंगे। शिवसेना ने इसका समर्थन किया है। सलमान ने अपनी टिप्पणी इसी रवैये के संदर्भ में की है।'जुनून' के 25 साल पूरा होने पर अहमद 'जुनून 25' अल्बम दुनिया के कई देशों में जारी करने वाले हैं। इनमें भारत भी शामिल है। उन्होंने फोन और ईमेल के जरिए आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को रोकना, मसले का हल नहीं है।अहमद ने कहा, "आतंकी और चरमपंथी नहीं चाहते कि लोग एक-दूसरे से सीधा संवाद करें, आपस में मिलें-जुलें। वे सिर्फ भय पैदा करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं, जो एक-दूसरे से जुड़ी है। भारतीय अभिनेता ओमपुरी ने पाकिस्तानी फिल्म 'एक्टर इन लॉ' में काम किया है। यह फिल्म पाकिस्तान में रिकार्ड कमाई कर रही है। ओमपुरी इस फिल्म के सिलसिले में हाल ही में पाकिस्तान आए थे और उन्होंने अपनी फिल्म का जगह-जगह प्रमोशन किया था। भारतीय कलाकारों को पाकिस्तानी गले लगाते हैं। इसी तरह भारतीय संगीत कंपनियां, फिल्म निर्माता, कार्यक्रम आयोजक पाकिस्तानी कलाकारों को बुलाते हैं, जिससे उन्हें अच्छी आय में मदद मिलती है।"लाहौर के रहने वाले अहमद गिटार बजाते हैं और गाने लिखते हैं। उन्होंने कहा कि 'जुनून 25' अल्बम नवम्बर में जारी होगा। 'जुनून' बैंड विश्व टूर पर निकल सकता है और उन्हें अपने भारतीय प्रशंसकों के सामने प्रस्तुति देकर बेहद खुशी होगी।