सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण खत्म करने के फैसले पर रोक जारी रहेगी, लेकिन राज्य में पटेल आंदोलन के बाद अस्तित्व में आए आरक्षण के आधार पर कोई दाखिला नहीं होगा। उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ गुजरात सरकार की अपील पर मुख्य न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर, ए. एम. खानविलकर एवं डी. वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि चार अगस्त को जारी स्थगन आदेश इस समझ के साथ जारी रहेगा कि 10 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर कोई दाखिला नहीं होगा। गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने ही फैसले पर रोक लगा दी है ताकि राज्य सरकार उसे शीर्ष अदालत में चुनौती दे सके। उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार से यह सहमति ली है कि 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था के आधार पर कोई दाखिला नहीं दिया जाएगा।