रियो ओलम्पिक में टेनिस के मिश्रित युगल वर्ग के सेमीफाइनल में हार का सामना करने वाली भारतीय जोड़ी सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की नजर अब कांस्य पदक जीतने पर है। ओलम्पिक टेनिस सेंटर में शनिवार को हुए इस मुकाबले में सानिया और बोपन्ना को अमेरिका की वीनस विलियम्स और राजीव राम की जोड़ी ने हराया। एक घंटे और 17 मिनट तक चले इस मुकाबले में अमेरिकी जोड़ीदारों ने भारतीय जोड़ीदारों को 2-6, 6-2, 10-3 से पराजित कर अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया है।सानिया और बोपन्ना को अब कांस्य पदक के लिए प्लेऑफ मैच में खेलना होगा। यह मैच रविवार को चेक गणराज्य की लुसी ह्रादेका और रादेक स्तेपानेक के खिलाफ होगा। ओलम्पिक खेलों के इतिहास में भारत ने टेनिस में केवल एक बार पदक जीता है।
दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने 1996 अटलांटा ओलम्पिक में पुरुष एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था। सेमीफाइनल मुकाबले में मिली हार के बावजूद सानिया और बोपन्ना अपने खेल में सुधार करने और कांस्य पदक पर कब्जा जमाने की ओर प्रतिबद्ध हैं। सानिया ने मुकाबले के बाद कहा, "मैच हारने के 10 मिनट बाद आपको सकारात्मक सोच की ओर बढ़ने में काफी मुश्किल होती है लेकिन टेनिस में हमें अधिक अवसर नहीं मिलते। हम एक अन्य पदक जीतने के लिए मिले अवसर से काफी खुश हैं।"भारत की दिग्गज महिला टेनिस खिलाड़ी ने कहा, "यह काफी दुर्भाग्य की बात है कि परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहा। हमें अब सही चीजें कर इस हार से उबरना होगा।"वीनस और उनके जोड़ीदार राम की तारीफ करते हुए हैदराबादा की 29 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, "हमने अमेरिकी जोड़ी के मजबूत खेल प्रदर्शन के बावजूद जीतने की काफी कोशिश की। इस मुकाबले में कुछ ऐसे अवसर थे, जिन्हें हमें नहीं खोना चाहिए था।"
बोपन्ना ने भी वीनस की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिका को इस मुकाबले में मिली जीत में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय खिलाड़ी ने कहा, "यह काफी मुश्किल हार थी, इसमें कोई शक नहीं है। इस पूरे मुकाबले के दौरान हमें लगा कि हम काफी अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन वीनस ने हमें पछाड़ दिया। दोनों खिलाड़ियों ने दूसरे सेट में मिली गति के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। निश्चित तौर पर वह हमसे अधिक सशक्त रूप से इस मैच को खेल रहे थे।"बेंगलुरू के खिलाड़ी का मानना है कि शनिवार को मिली हार की निराशा का असर उनके कांस्य पदक के लिए होने वाले मुकाबले पर नहीं पड़ना चाहिए। बोपन्ना ने कहा, "दोनों टीमें एक ही स्थिति में हैं। टेनिस में ऐसा पहली बार हुआ है कि हमें पदक जीतने का दूसरा मौका मिला है। कई भाव दिमाग में चल रहे हैं लेकिन एक टेनिस खिलाड़ी होने के नाते हमें इन्हें किनारे रखना होगा।"