पूर्व सांसद व पहला पंजाब-लोक हित अभियान के कनवीनर जगमीत सिंह बराड़ ने हिमाचल प्रदेश की आशा कुमारी को पंजाब कांगे्रस का इंचार्ज लगाए जाने पर अपने चिर-परिचित व स्पष्ट अंदाज में टिप्पणी की है।उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि क्या 130 साल पुरानी पार्टी को पंजाब के मामले संभालने के लिए एक भी ईमानदार व साफ छवि वाला व्यक्ति नहीं मिल सकता। जिन्होंने एक दंगों के आरोपी को जमीन कब्जाने के लिए दोषी करार के साथ बदला है, जो इस वक्त जमानत पर है। ऐसे में यदि प्रशांत किशोर, राहुल गांधी व कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को यह रणनीति तैयार करके दे रहे हैं, तो कोई हैरानी वाली बात नहीं है कि प्रशांत को भाजपा द्वारा पंजाब व यू.पी में कांगे्रस को खत्म करने के लिए भेजा गया है। जिसके जरिए कांगे्रस अमित शांत के कांगे्रस मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए ओवरटाईम लगा रही है।
बराड़ ने आशा कुमारी की नियुक्ति संबंधी फैसले पर चुटकी लेते हुए कहा कि कोई व्यक्ति ड्राइवर की नौकरी देने से पहले उसका भी इतिहास जांच लेता है। यहां तो बिना किसी सियासी सोच व विचार के राज्य हवाले कर दिया गया है।इस क्रम में उन्होंने कांग्रेस के अंदरूनी कामकाज पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र एक ब्लैकमेलर व दिशाहीन बुल्डोजर हैं। जिन्होंने एन.डी.टी.वी पर इंट्रव्यू के दौरान खुद यह स्वीकारा है। आज दिल्ली को कोई भी सीनियर नेता उनके साथ मिलकर काम नहीं करना चाहता, जो बिना पगडिय़ांत उठाले कोई धरना नहीं लगा सकते। यहां तक कि बाजवा, भठल, दूलो व सुनील जाखड़ जैसे सीनियर नेता भी उसके साथ मंच नहीं सांझा करना चाहते।उन्होंने कहा कि एक तरफ कैप्टन अमरेन्द्र लुधियाना व अमृतसर में जमीन घोटालों के केसों में आरोपी हैं, दूसरी तरफ आशा कुमारी हिमाचल में जमीन कब्जाने के मामले में दोषी करार दी गई हैं। ऐसे में एक ही किस्म के लोग, पहला पटियाला व दूसरा चंबा से अब इकठे हो गए हैं।उन्होंने आखिर में कहा कि यदि इन्होंने चंबा की शाही अपराधी को पार्टी इंचार्ज लगाना है, तो फिर ये आम लोगों की बातें करके लोगों को बेवकूफ बनाने के यत्न क्यों करते हैं और लंच के पैसे दिए बिना एक गरीब आदमी के ढाबे से चले जाते हैं। जैसे कैप्टन व उनके साथियों ने चंडीगढ़ के निकट ढाबे पर रोटी के पैसे दिए बगैर फोटो खिंचवाकर चलते बने।