योग के महत्व पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बुधवार को कहा कि योग एक विज्ञान है, जो स्वास्थ्य दुरुस्त करने और संपूर्ण स्वास्थ्य की रूपरेखा ठीक करने में मदद करता है। 'शरीर और उसके आगे के लिए योग' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए अंसारी ने कहा, "योग को पारिभाषित करने के लिए कई जगहों पर अच्छी चर्चा हुई है। क्या यह एक विज्ञान, कला, ध्यान में सहायक, अध्यात्मिक मार्ग या धर्म है? वार्ताकार अलग-अलग उत्तर देते हैं, प्रत्येक कुछ हद तक सही है और सर्वमान्य कोई नहीं। "उपराष्ट्रपति ने कहा कि कैसे कैंसर, मधुमेह जैसी बीमारियों और हृदय संबंधी समस्याओं के कारण भारत और पूरी दुनिया में लाखों रुपये की क्षति होती है। उन्होंने कहा कि खराब स्वास्थ्य और गरीबी में एक मजबूत संबंध है।अंसारी ने कहा कि अच्छे स्वाथ्य और स्वच्छता के महत्व को हमारे स्वतंत्रता आन्दोलन के नेताओं ने भी भलीभांति समझा था।
उन्होंने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि बापू ने महसूस किया था, "स्वास्थ्य ही असली धन है न कि चांदी और सोने के टुकड़े।" कई अवसरों पर गांधी ने गंदगी के आर्थिक प्रभाव के बारे में लिखा और कहा भी था।उपराष्ट्रपति ने कहा कि सभी धर्मो में ध्यान की प्रथा है और खासतौर से भारतीय अनुभव इसका अच्छा उदाहरण है।अंसारी ने कहा, "इस हम प्रकार जैन और बौद्ध धर्मो में योग और ध्यान की प्रथा पाते हैं। इसी तरह इस्लाम, ईसाई और सिक्ख धर्मो में ध्यान का बड़ा महत्व है।"उपराष्ट्रपति ने कहा, "समरूपता चौंकाने वाला है। हालांकि अभ्यास करने वालों की अध्यात्मिक पृष्ठभूमि के कारण उच्चारण के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं।"इस अवसर पर केंद्रीय आयुष और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीपाद येस्सो नाईक, योग गुरु स्वामी रामदेव, प्रणव पंड्या, स्वामी अमृता सूर्यनन्दन, स्वामी चिदानंद मुनि और एच.आर. नागेन्द्र उपस्थित थे।