नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने आज यहां देश की युवा पीढ़ी को आग्रह किया कि वह प्राकृतिक वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए स्वयं आगे आये ताकि दिन प्रतिदिन कम हो रहे प्राकृतिक स्त्रोतों को अगली पीढिय़ों तक बचाकर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि गंभीर होती जा रही प्रदूषण की समस्या से मुक्ति पाने के लिए यूवा पीढ़ी ही एक मात्र आशा रह गई है क्योंकि हमारी पीढ़ी ने तो इस समस्या को राम भरोसे छोड़ा हुआ है। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा डाइलॉग हाई-वे के सहयोग से आज यहां की चंडीगढ़ यूनीवर्सिटी में करवाये गये समागम को संबोधन करते हुये जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने कहा कि प्रत्येक मानवीय गतिविधि प्राकृतिक वातावरण में विघ्न पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि कितने दुख की बात है कि मनुष्य जिस धरती पर रह रहा है उसको ही तबाह कर रहा है और जिस हवा-पानी के कारण उसका जीवन धडक़ रहा है उसको ही प्रदूषित कर रहा है।
जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने विकास के मौजूदा मॉडल पर प्रशन उठाते हुये कहा कि यह प्राकृति अनुसार ना होकर प्राकृति को नष्ट करने वाला है। इसलिए यह बहुत देर टिक नही सकता। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे विकास मॉडल की जरूरत है जो केवल मनुष्य केंद्रित ना होकर जीव-जंतू, वन्सपति और प्राकृतिक वातावरण को भी उचित स्थान दें। विकास प्रौजेक्टों के लिए वृक्षों की हो रही अंधा-धुंध कटाई पर गहरी चिंता प्रकट करते हुये जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने कहा कि पौधों को काटने की जगह उखाडक़र किसी अन्य स्थान पर लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब दिल व गुर्दे जैसे मानवीय अंग बदले जा सकते हैं तो वृष उखाडक़र अन्य स्थान पर क्यों नही लगाये जा सक ते?
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यनल के मुख्य ने आंकड़े देते हुये कहा कि हमारे देश में जंगल लगातार कम होते जा रहें हैं, गलेश्यिर पिधलते जा रहें हैं। हवा दूषित होती जा रही और शहर गंदगी का ढेर बनते जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि भारत में एक भी शहर ऐसा नही है जहां कूड़ा-कर्कट एकत्र करने, उचित जगह लेकर जाने और उसको सुरक्षित ढंग से खपाने का उचित प्रबंध हो। जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने नवयुवकों को अपील करते हुये कहा कि जबतक नवयुवा वर्ग वातावरण को बचाने की शपथ नही लेता तबतक इस दिशा में बहुत कुछ प्राप्त नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि युवा ऐसी शक्ति है जो वह निश्चित कर लेती है उसे हासिल करके रहती है। प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अदालती दखलअंदाजी की भूमिका संबंधी जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने कहा कि इसकी भूमिका का एक दायरा है परंतु कई केसों में इसका बहुत लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस समस्या से निजात तभी हो सकता है यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी-अपनी जिम्मेवारी तनदेही से निभाये। जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने देश वासियों को चेतावनी देते हुये कहा कि यदि हमने प्राकृति से किया जा रहा खिलवाड़ बंद ना किया तो वह दिन दूर नही जब प्राकृति अपने खेल खेल में हमें भयानक सजा देगी। उन्होंने इस अवसर पर नवयुवकों को आज से ही प्रदूषण की रोकथाम प्राकृतिक वातावरण को बचाने के लिए सरगर्म भूमिका निभाने की शपथ दिलाई और विश्वविद्यालय कैंपस में एक पौधा भी लगाया। डायलॉग हाई-वे के संस्थापक ट्रस्टी श्री दविंदर शर्मा ने इस समारोह में दिये अपने मुख्य भाषण में कहा कि वातावरण अनुसार भारतीय सभ्यता छोडक़र पश्चिमी जीवन और विकास मॉडल को अपनाकर हमने अपना प्राकृतिक वातावरण तबाह कर लिया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता में धरती, हवा व पानी जैसे प्राकृतिक तत्वों का सम्मान करना सिखाया जाता था जो अब नही रहा। उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन से मांग की कि प्रत्येक शहर में वहां की अबादी के हिसाब से पौधों की संख्या भी निश्चित की जाये। पौधों की महत्व बताते हुये उन्होंने कहा कि नीम के वृक्ष में कम से कम 100 बीमारी का ईलाज करने के गुण हैं और यह वृक्ष अपने नीचे की तपश को 10 डिग्री कम करने के समर्थ है। उन्होंने नवयुवकों को पौधे लगाने और उनकी संभाल करने की अपील भी की। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन मनप्रीत सिंह ने इस अवसर पर कहा कि आज शुरू की गई वातावरण जागरूकता मुहिम को ग्राम स्तर के स्कूल तक लेजाकर पंजाब के प्रत्येक विद्यार्थी को प्रदूषण के कु-प्रभावों संबंधी जागरूक किया जाये।
उनहोंने कहा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, पंजाब को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए दृढ है। कार्यक्रम के शुरू में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर सतनाम सिह संधू ने अपने स्वागती भाषण में यूनीवर्सिटी द्वारा विद्यार्थीयों को प्राकृतिक वातावरण व प्राकृतिक साधनों को बचाने के लिए जागरूक करने हेतू किये जाते कार्यो के बारे में जानकारी दी। उनहोंने कहा कि यूनीवर्सिटी प्रत्येक वह कदम उठाने के लिए तैयार है जिससे वातावरण जागरूकता पैदा होती हो। इस अवसर पर अन्य के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन श्री कुलदीप पठानियां, हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव एस नारायणन, चंडीगढ़ प्रदूषण कंट्रोल कमेटी के वाइस चेयरमैन श्री संतोष कुमार, प्रसिद्ध वकील रीटा कोहली जे के सूरी ने भी संबोधन किया। समारोह के बाद दोपहर हुये तकनीकी सैशन में पिंगलवाड़ा की मुखी बीबी इंद्रजीत कौर, कृषि विरासत मिशन के संस्थापक उमिंद्र दत्त, प्रसिद्ध विज्ञानी डॉ. एम एच वानी ने विद्यार्थीयों के साथ वातावरण के विभिन्न पहलुओं संबंधी विचार विमर्श किया जबकि इस सैंशन की अध्यक्षता पंजाब एजूकेशन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस राजीव भल्ल ने की।