एल नीनो से प्रभावित हो रहा समुद्री खाद्य श्रृंखला
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न्यूयार्क , 05 Apr 2016
दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय पश्चिमी तट में हर तीन से सात साल में विकसित होने वाला अल नीनो जलवायु चक्र समुद्री खाद्य श्रृंखला पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। साथ ही इससे मत्स्य पालन और मछुआरों की आजीविका भी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। नासा के एक नए शोध में यह बात सामने आई। मेरीलैंड के ग्रीनबेल्ट स्थित नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर से स्टेफनी ऊज ने कहा, "अल नीनो का गर्म पानी समुद्र के मौजूदा सामान्य और ठंडे पानी पर एक सतह बनाकर उसे ढक रहा है, जिससे चिली और पेरू के समुद्र तल का पानी सतह की ओर उमड़ रहा है।"इस प्रक्रिया को अपवेलिंग (उमड़ना) कहा जाता है, जिसमें गहरा और ठंडे पानी सतह की ओर बढ़ता है। इसी ठंडे पानी में सामान्यत सूक्ष्म जीवों द्वारा खाने वाले पोषक तत्वों का निर्माण होता है, जो खाद्य श्रंखला का आधार बनाते हैं।साथ ही समुद्र में सूक्ष्म पौधों मछलियों का भोजन होते हैं, इनके बगैर मछलियों की जनसंख्या गिर सकती है। इससे तटीय इलाकों पर निर्भर रहने वाला मत्स्य उद्योग भी प्रभावित हो सकता है।स्टेफेनी ने बताया, "अल नीनो मूलरूप से सामान्य अपवेलिंग प्रक्रिया को बंद कर रहा है, इसके साथ ही यहां भुखमरी के कई कारक मौजूद हैं, जो समुद्री भोजन श्रंखला को प्रभावित कर सकते हैं।"इस अध्ययन के लिए शोधार्थियों ने नासा के उपग्रह आंकड़ों और ओशियन कलर सॉफ्टवेयर सीडास का उपयोग किया था।